Internet of Things क्या है?
आज हम औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) के चौथे चरण में है। आज हम ऐसे दौर में जी रहे हैं, जहाँ तकनीकों को एक दूसरे से जोड़कर उन्हें स्मार्ट बना सकते हैं । ऐसा होने से उत्पादन की प्रक्रिया पूरी तरह बदल जाएगी। Internet of Things को औद्योगिक क्रांति के चौथे चरण का मत्वपूर्ण आधार स्तम्भ माना जाता है। और भी कितनी ही नई टेक्नोलॉजी है जो औद्योगिक क्रांति 4.0 को सफल बनाने में अपना योगदान देंगी। जैसे Block Chain, Artificial Intelligence, Machine Learning इत्यादि।
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Internet of Things क्या है?
Internet of Things एक दूसरे से जुड़े हुए कंप्यूटिंग डिवाइसेस, मैकेनिकल और डिजिटल मशीन्स का नेटवर्क है। एक ही नेटवर्क पर जुड़े होने के कारण ये उपकरण एक दूसरे से बात कर सकते है। इसमें जुड़े हुए सभी उपकरणों की एक यूनिकआई डी होती है। ये उपकरण एक दूसरे को डाटा भेजते तथा प्राप्त करते हैं।
इसे को संछेप में आई ओ टी (IoT) भी कहते हैं।
उदाहरण के तौर पे कांफ्रेंस में ऑडियो या वीडियो कॉल में जुड़े हुए सभी लोग एक दूसरे को सुन सकते हैं तथा उन्हें अपनी बात बता सकते हैं। उसी तरह ही ऐसी सभी भौतिक वस्तुओं का समूह जो एक दूसरे से इंटरनेट के माध्यम से जुड़े है तथा आपस में बात कर सकते हैं उसे Internet of Things की संज्ञा दी गई है।
और भी संछेप में अगर कहूं तो हर वो चीज़ जिसे हम चालू (On) या बंद (Off) कर सकते हैं, अगर उसे इंटरनेट के माध्यम से एक दूसरे से जोड़ दिया जाये तो एक महाकाय नेटवर्क बन जायेगा। ऐसे महाकाय नेटवर्क को Internet of Things कहा जाता है। इसमें सभी आकार की चीजों का समावेश किआ जा सकता है। घर में रखे छोटे से स्मार्ट माइक्रोवेव से स्वचालित कार तथा स्मार्ट वियरेबल्स इसके भाग बन सकते हैं।
History of Internet of Things
Smart Devices के नेटवर्क की सबसे पहली चर्चा 1982 में हुई थी। Carnegie Mellon University में एक कोका-कोला की वेंडिंग मशीन इंटरनेट से जुड़ने वाली पहली डिवाइस बनी। यह वेंडिंग मशीन अपने अंदर बचे बोतलों की सँख्या बता सकती थी।और उसमें नई रखी हुई बोतलें कितनी ठंढी या गरम है, यह जानकारी भी देती थी।
इस विषय को तब गति मिली जब बिल जॉय ने 1999 में Davos में हुए World Economic Forum में अपने सिक्स वेब फ्रेमवर्क के तहत चीजों को एक दूसरे से बात करने के विषय को प्रस्तुत किया।
चीजों को एक दूसरे से जोड़ने का आईडिया बहुत पुराना था । लेकिन तब इसे Embedded Internet या Pervasive Computing के नाम से जाना जाता था।
Internet of Things शब्द का पहली बार इस्तेमाल Kevin Ashton ने 1999 में किआ। Kevin उस समय Proctor & Gamble (जो बाद में MIT’s Auto-ID Centre बना) में काम करते थे। उस समय की टेक्नोलॉजी RFID (Radio Frequency Identification) का उपयोग कर कंप्यूटर से वो चीजों को कंट्रोल करना चाहते थे।
इसे कारगर करने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान MOSFET (metal-oxide-semiconductor field-effect transistor, or MOS transistor) का है। MOSFET का अविष्कार Mohammed M. Atalla और Dawon Kahng ने 1959 में Bell Labs में किआ था। MOSFET आज के आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स का आधार है, जिसमे कम्प्यूटर्स, स्मार्टफोन्स, टेबलेट्स और इंटरनेट सर्विसेज का समावेश है।
Internet of Things कैसे काम करता है?

ऐसी चीजे जिसमे IoT Sensor लगा हो उसे Internet of Things के मंच (Platform) पर जोड़ा जाता है। जो उस मंच पर जुडी हुई दूसरी चीजों के साथ डाटा का आदान प्रदान करता है। डाटा का विश्लेषण होता है । फिर उसमे से महत्वपूर्ण जानकारी को जरुरत के हिसाब से बनाये गए अलग अलग आप्लिकेशन को दिया जाता ।
ऐसे IoT के ताकतवर मंच सिर्फ सबसे महत्वपूर्ण जरूरत की जानकारी को दर्शाने की छमता रखते हैं ।और बाकि की जानकारी को अनदेखा कर देते हैं। ऐसी जानकारी का उपयोग पैटर्न का पता लगाने, सुझाव देने तथा परेशानियों को होने से पहले ही बता देने में किआ जाता है।
एक सम्पूर्ण IoT System को चार भागों में बाँटा जा सकता है।
- Sensors or Actuators
- Connectivity
- Data Processing
- User Interface
IoT Sensors अलग अलग प्रकार के होते हैं। उसके बारे में हम आगे जानेंगे। Sensor अपने आस पास का डाटा सेन्स कर उसे कनेक्टिविटी के अलग अलग माध्यम (जैसे ब्लूटूथ, वाई फाई, केबल कनेक्शन, सैटेलाइट इत्यादि) से Internet of Things के मंच पर भेजा जाता है। उस मंच पर पहले से रखे हुए सॉफ्टवेयर उस डाटा का विश्लेषण करते हैं तथा जरुरी सुझाव देते हैं। डाटा के आधार पर मिले सुझावों का उपयोग करके होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।
IoT Sensor to Actuator Flow:
एक IoT System में, Sensor डाटा कलेक्ट करता है। कलेक्टेड डाटा कंट्रोल सेंटर भेजा जाता है जहाँ उचित निर्णय लिया जाता है। लिए गए निर्णय के आधार पर जरुरी कमांड एक्टुएटर को दिया जाता है।
सिर्फ इतना ही नहीं इसके और भी कई फायदे हैं। जिसके बारे में हम आगे विस्तार में जानेगें।
Architecture of Internet of Things

IoT Sensors
निचे कुछ महत्वपूर्ण आई IoT Sensors दिए गए हैं।
- Temperature Sensor: टेम्परेचर सेंसर तापमान मापता है और उसे विद्युत् ऊर्जा में कन्वर्ट करता है। यह सेंसर वातावरण, कृषि तथा कारखानों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। सामान्यतः उपयोग में आने वाले टेम्परेचर सेंसर में थर्मिस्टर, रेजिस्टेंस टेम्परेचर डिटेक्टर, थर्मोकपल, और थर्मोपाइल हैं।
- Pressure Sensor: प्रेशर सेंसर किसी सतह पर लगाए गए ताकत को मापता है और उसे विद्युत् ऊर्जा में बदलता है। वातावरण अनुमान में इसका सबसे महत्वपूर्ण उपयोग होता है।
- Proximity Sensor: प्रोक्सिमिटी सेंसर किसी वस्तु को छुए बिना उसके नजदीक होने की जानकारी दे सकता है। प्रोक्सिमिटी सेंसर अपने आस पास चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है तथा उसमे होने वाले बदलाव को मापता है। इसका उपयोग अधिकांशतः कारों में किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग रिटेल, म्यूजियम, पार्किंग लॉट्स में किया जाता है।
- Accelerometer and Gyroscope Sensor: एक्सेलेरोमीटर सेंसर एक रेखा में होने वाले अक्सेलरेशन को मापता है। तथा गायरोस्कोप सेंसर कोंडीय स्थान (Angular Position) को मापता है। एक्सेलेरोमीटर सेंसर का उपयोग मोबाईल की स्तिथि जानने के लिए किया जाता है । उस जानकारी से उसमे होने वाले घुमाव की जानकारी मापता है। इन सेंसरों का उपयोग सामान्यतः ड्रोन्स, सेल फ़ोन्स, ऑटोमोबाइल्स, एयरप्लेन आदि में होता है।
इसके आलावा निचे दिए गए सेंसर्स का उपयोग भी Internet of Things में काफी प्रचलित है।
- IR Sensors
- Optical Sensors
- Gas Sensors
- Smoke Sensors
Application of Internet of Things
Consumer Application:
IoT Devices का एक बहुत बड़ा हिस्सा आम लोगो के उपयोग के लिया किया जाता है। जैसे कनेक्टेड व्हीकल्स, होम ऑटोमेशन, वियरेबल डिवाइसेस, कनेक्टेड हेल्थस, रिमोट से कंट्रोल होने वाली उपकरण।
इसका उपयोग करके हम अपने घर में ऑटोमेशन से उसे स्मार्ट बना सकते हैं। जिसमे लाईटें, हीटिंग, एयर कंडीशनिंग, मीडिया तथा सिक्योरिटी सिस्टम शामिल होते हैं। आप विश्व में कहीं भी बैठे बैठे अपने घर में लगे CCTV का वीडियो मॉनिटर कर सकते हैं ।और उसे कंट्रोल भी कर सकते हैं। अपने घर पहुँचने से पहले ही AC को चालू कर सकते है और अपना घर ठंढा कर सकते हैं।
पुरे घर को मात्र अपने फ़ोन के जरिये कंट्रोल किया जा सकता है। इसे क्षेत्र में एपल होम किट, इको, गूगल होम जैसे उपकरणों का योगदान सराहनीय हैं। घर में रहने वाले बुजुर्गों की देखभाल के लिए Internet of Things वरदान स्वरूप है।
Medical And Healthcare:
Iot Devices का उपयोग रिमोट से स्वास्थ्य पर नज़र रखने तथा जरुरी सुचना देने के लिए किआ जा सकता है। इसमें रक्तचाप (blood pressure) मापना, ह्रदय की गति (Heart Rate) मापना आदि शामिल हैं। इलेक्ट्रॉनिक रिस्ट डिवाइसेस और एडवांस्ड हियरिंग ऐड्स भी Iot Devices के ही प्रकार हैं।
मेडिकल क्षेत्र में Internet of Things का उपयोग करके अकस्मात् होने वाली बिमारियों को टाला जा सकता है। आपके शरीर से जुड़े हुए उपकरण आपके हेल्थ की जानकारी लगातार आपके चिकित्स्क को देते रहेंगे। कुछ भी संदेह जनक होने पर वो आपको उसके अनुरूप दवा / सलाह देकर होने उसे ठीक करने में मददगार होंगे।
Transportation:
यातायात के क्षेत्र में Internet of Things का इस्तेमाल स्मार्ट ट्राफिक कंट्रोल, स्मार्ट पार्किंग, इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम, लोजिस्टिक्स, व्हीकल कंट्रोल, रोड असिस्टेंस इत्यादि में किया जा सकता है।
लोजिस्टिक्स में आई ओ टी मंच अपने कार्गो की स्तिथि लगातार जाँच सकता है।और जरुरी पड़ने पर उपयुक्त जानकारी भी दे सकता है। GPS, Humidity, Temperature जैसे सेंसर का आई ओ टी मंच पर डाटा भेजा जा सकता है। जहाँ डाटा का जरुरी विश्लेषण होने के बाद उसे यूजर्स का भेजा जाता है।
परिणाम स्वरूप सही निर्णय लेने में सहायता मिलती है । कूरियर कम्पनियाँ अपने कूरियर के सही स्थान की जानकारी लगा सकती हैं। और उसके आधार पर ग्राहक को डिलीवरी का सही समय बता सकती हैं।
Manufacturing:
Internet of Things के मदद से उत्पादन में उपयोग होने वाली मशीने आपस में बात कर सकती हैं। इस तकनीक से उत्पादन के उद्योगों के लिए एक नया रास्ता खोल दिया हिअ। आई ओ टी सेंसर की जानकारी की मदद से मशीनो के हेल्थ की जाँच की जा सकती है। तथा उनका प्रिवेंटिव मेंटेनेंस किया जा सकता है। ऐसे करने से मशीनों के बिगड़ने से उत्पादन के क्षेत्रों में होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।
Agriculture:
कृषि क्षेत्र में आई ओ टी आप्लिकेशन्स का उपयोग तापमान, वर्षा, नमी, हवा की गति, पेस्ट कंट्रोल और मिटटी की गुड़वत्ता की जानकारी हासिल की जा सकती है। इससे कृषि के तरीकों को ऑटोमेट किया जा सकता है तथा फसलों के गुडवत्ता को कंट्रोल किआ जा सकता है। फसलों की देखरेख में लगने वाले समय को काम किया जा सकता है तथा होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।
इसके और भी बहुत से उपयोग किये जा सकते है। यह तकनीक अभी भी बहुत से क्षेत्रों में एक्सपेरिमेंट के स्टेज में हैं। यह तकनीक अभी भी अपने early stage में है। इस तकनीक के पूरी तरह विकसिकत होने पर मानव समाज की दिशा बदल जाएगी।
List of Top 18 IoT Devices Examples In 2020
- Google Home Voice Controller
- Amazon Echo Plus Voice Controller
- Amazon Dash Button
- August Doorbell Cam
- August Smart Lock
- Kuri Mobile Robot
- Belkin WeMo Smart Light Switch
- Footbot Air Quality Control
- Flow by Plume Labs Air Pollution Monitor
- Nest Smoke Alarm
- Nest T3021US Learning Thermostat Easy Temperature Control
- Philips Hue Bulbs and Lighting System
- Bitdefender BOX IoT Security Solution
- Ring Doorbell
- WeMo Insight Smart Plug
- Logitech Harmony Universal Remote
- Particle Photon Wi-Fi with Headers
- NETGEAR Orbi Ultra-Performance Whole Home Mesh Wi-Fi System
Internet of Things: Benefits & Challenges
हर नई तकनीक अपने साथ फायदे के साथ चुनौतियाँ भी ले आती है। IoT के जितने फायदे हैं। उसी के साथ कुछ चुनौतियां भी जुडी हुई है।
पहले हम फायदों के बारे में बात करेंगे।
Benefits:
1) Communication: IoT उपकरणों के बिच में बात चीत को बढ़ावा देता है। इसे मशीन टू मशीन लर्निंग कहा जाता है। इसके कारन भौतिक वस्तुओं को कनेक्ट करना तथा उनमे ज्यादा निपुणता और गुडवत्ता के साथ पारदर्शिता (Transparency) रखना संभव हो सका है।
2) Automation & Control: भौतिक वस्तुअओं के एक साथ जुड़े रहने तथा तार रहित इंफ्रास्ट्रक्चर की सहायता से एक केंद्र से डिजिटली कंट्रोल हो सकने के कारण, कार्य क्षेत्र में ऑटोमेशन और कंट्रोल का महत्व बढ़ा है। मनुष्य के हस्त्छेप के बिना मशीने एक दूसरे से बात करके ज्यादा उत्पादन कर सकती हैं।
3) Information: इस बात से नाकारा नहीं जा सकता कि हमारे पास जितनी ज्यादा जानकारी रहेगी हम उतना ही बेहतर निर्णय ले सकते हैं। Internet of Things ने हमे ज्यादा और सटीक जानकारी देकर हमारे निर्णयों को बेहतर बनाया है।
4) Monitoring: अगर हम किसी चीज़ पर निगरानी रख सकते हैं तो उसे और बेहतर तरीके से कंट्रोल भी कर सकते हैं। IoT के मदद से हम अपने घर में हवा की गुडवत्ता, तापमान तथा खाने में उपयोग होने वाली संख्या पर नजर रख सकते हैं और उन्हें अपनी इच्छा अनुसार कंट्रोल भी कर सकते हैं।
5) Time Saving: मशीन के मशीन से साथ जुड़े रहने तथा आपस में बात कर सकने से, ज्यादा सटीक जानकारी जल्दी से मिल सकती है। इससे समय की बचत होती है। हम इस समय का उपयोग दूसरे रचनात्मक चीजों को करने में कर सकते हैं।
6) Money Saving: धन की बचत IoT तकनीक का सबसे बड़ा लाभ है। IoT सिस्टम को लगाने में लगने वाली लागत, उससे होने वाले फायदे से काफी कम है। अतः इसका इस्तेमाल करके हम ऊर्जा और धन दोनों की बचत कर सकते हैं। ब्रेकडाउन होने से पहले ही उसकी जानकारी मिल जाने से, ब्रेकडाउन में होने वाले नुकसान से बच सकते हैं।
Challenges:
1) Compatibility: अभी इस तकनीक के उपकरणों के लिए कोई अंतर्राष्ट्रीय मानक निश्चित नहीं हुए है। अतः उनमे विभिन्नता देखि जा सकती है। IoT सेंसर्स को बनाने वाली कम्पनियों को एक मानक पर सहमत होना पड़ेगा जिससे इनके उत्पादन में वृद्धि हो सके।
2) Complexity: IoT System काम्प्लेक्स होने से उनके बिगड़ने की सम्भावना भी अधिक होती है। मानिये आपको और आपके घर के सदस्य को एक साथ आपके घर में दूध ख़त्म होने की सुचना मिलती है और आप दोनों लोग अलग अलग दूध खरीद लेते हैं। जिससे आपके घर में एक की जगह दो दूध की थैली आ जाती है।
3) Privacy/Security: सभी जानकारी इंटरनेट के साथ जुड़े होने के कारण हमारी गुप्तता खोने का डर हमेशा बना रहेगा। हैकर्स इंटरनेट से हमारी जानकारी चुरा कर उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।
4) Safety: मानिये किसी हैकर ने आपके दवा की जानकारी बदल दी, जिससे आपको स्टोर से ऐसी दवा मिटी है जिससे आपको एलर्जी है। स्टोर आपको ऐसे दवा भेज देता है जिसके इस्तेमाल की समय सीमा समाप्त हो गई है। ऐसे में ग्राहकों को अपनी सुरक्षा का ध्यान खुद ही रखना पड़ेगा।
IoT Sensors Manufacturers
अंत में मैं आपको IoT Sensors का Manufacturing करने वाली कंपनियों के नाम भी बता देता हूँ। अगर आपको Internet of Things का इस्तेमाल करना हो तो ये आपके काम आ सकती हैं।
- Texas Instruments
- TE Connectivity
- STMicroelectronics
- NXP Semiconductors
- Monnit
- MEMSIC
- Dialog Semiconductor
- Broadcom Limited
- Invensense, Inc
- Omron Corporation