Artificial Intelligence क्या है in Hindi?

मनुष्य को मिली हुई बुद्धि उसे भगवान से मिला हुआ सबसे महत्वपूर्ण वरदान है। बुद्धि मनुष्य को दूसरी किसी भी प्रजाती से सर्वश्रेष्ठ बनाता है। मनुष्य ने अपनी बुद्धि के पराक्रम से ऐसी बहुत सी चीजों का अविष्कार किया जो अकल्पनीय है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) उन आविष्कारों में से एक है।

Computer के खोज ने मनुष्य के जीवन को बदल कर रख दिया है। इसका आकार जितना छोटा होता जा रहा है, उसकी छमता उतनी ही बढ़ती जा रही है।  मनुष्य अपने कार्य कंप्यूटर से चुटकी बजाने जितने कम समय में कर सकता है। फिर भी Computer से काम कराने के लिए हमें उसके पास बैठना पड़ता है। हमारे हस्तछेप के बिना Computer अपने आप कुछ नहीं कर सकता। लेकिन मनुष्य को इससे संतोष नहीं था। कहते हैं आवश्यकता अविष्कार की जननी होती है।

अपने असंतोष के घड़े को भरने तथा अपना काम और आसान बनाने के लिए मनुष्य ने एक बार फिर अपने दिमागी घोड़े को दौड़ाना शुरू किआ।

परिणाम स्वरूप जिसका जन्म हुआ उसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) के नाम से जाना जाता है।आजकल यह शब्द बहुत प्रचलन में है। और भविष्य के लिए यह आवश्यक है कि हमे भी इसका ज्ञान होना चाहिए। तो चलिए आपको मैं कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) के सैर पर ले चलता हूँ।

Artificial Intelligence क्या है?

अपने काम को और भी आसान बनाने के लिए मनुष्य अपने जैसी ही बुद्धि को मशीनो में विकसित करना चाहता था। उसके इस प्रयास को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) का नाम दिया गया।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) Computer विज्ञान की ही एक शाखा है। इसे संछेप में AI भी कहते हैं। अगर मशीनों में भी इंसानो की तरह सोचने, समझने तथा निर्णय लेने की छमता का विकास करा जाये तो सोचिए कैसा होगा। मशीनें मनुष्य के हस्तछेप के बिना ही सारे काम कर सकेंगी। 

मान लीजिये किसी मशीन में Programming करके उसके सोचने, समझने, निर्णय लेने तथा अपनी ही गलतियों से सीखकर दुबारा उस गलती को ना दोहराने जितनी ही छमता विकसित कर दी जाये तो उसे ही कृत्रिम बुद्धि (Artificial Intelligence) कहेंगे।

फलस्वरूप एक ऐसी मशीन का निर्माण किआ जा सकता है जो इंसानो के तरह काम कर सके। मनुष्य के जैसे ही अपनी गलतियों से सिख सके तथा उन्हें कभी दोहराये। हालाँकि मनुष्य एक बार की गई गलती को दुबारा दोहरा सकता है लेकिन मशीनें ऐसा नहीं करेंगी।

 Andreas Kaplan और Michael Haenlein कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) को “किसी प्रणाली की बाह्य डेटा की सही ढंग से व्याख्या करने, ऐसे डेटा से सीखने, और सुविधाजनक रूपांतरण के माध्यम से विशिष्ट लक्ष्यों और कार्यों को पूरा करने में उन सीखों का उपयोग करने की क्षमता”के रूप में परिभाषित करते हैं।

AI का इतिहास (History of Artificial Intelligence)

History of Artificial Intelligence
History of Artificial Intelligence

तकरीबन 1940 और 1950 के बीच में अलग अलग क्षेत्रों के कुछ वैज्ञानिकों ने कृत्रिम बुद्धि बनाने की बात पर चर्चा आरम्भ की। जिसने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) की खोज को एक नई दिशा प्रदान की।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) शब्द का पहली बार प्रयोग John McCarthy ने 1956 में Hanover, New Hampshire में Darmouth College के confrence में किया था। इसलिए उन्हें कृत्रिम बुद्धिमत्ता का पीता भी कहा जाता है।

1970 से 1990 कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) के खोज के लिए धन की कमी कारण, इस समय को AI का शीतकाल भी कहा जाता है। अंततः 1997 में IBM का Deep Blue पहला computer बना जिसने सतरंज के चैंपियन Garry Kasparov को हराया।

इसके बाद computer hardware के क्षेत्र में विकास के साथ साथ, इस तकनीक का विकास भी खूब तेजी से हुआ। पिछले कुछ वर्षों में इस तकनीक का उपयोग करके Amazon, Google, Baidu जैसे संस्थानों ने खूब मुनाफा कमाया है। इस तकनीक का उपयोग आजकल बहुत सारी online services में किआ जा रहा है।

Artificial Intelligence कैसे काम करता है? (How does AI work?)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) का system बनाना एक बहुत ही सावधानी भरा काम है जिसमे मनुष्य के गुण तथा छमता को मशीनों में डाला जाता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) कैसे काम करती है उसे वास्तव में समझने के लिए उसके उपभागों को समझना तथा वे कैसे काम करते हैं उसे जानना आवश्यक है।

इसे छह उपभागों में बाँटा जा सकता है।

Machine Learning (Learning From Experiences):

यह मशीनों को पिछले अनुभवों का उपयोग कर निर्णय लेने की छमता प्रदान करता है। यह pattern को पहचानता है और पुराने डाटा के विस्लेषण के आधार पर मानव हस्तछेप के बिना उचित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। यह automation डाटा का उपयोग कर उचित निष्कर्ष पर पहुँचता है, जिससे मनुष्य का समय बचता है। इस समय का उपयोग मनुष्य और भी रचनात्मक कार्यों के लिए कर सकता है।

Deep Learning (Self-Educating Machines):

यह machine learning का ही एक भाग है। यह मशीन को इनपुट की विभिन्न स्तरों के तहत प्रक्रिया करने, उसका वर्गीकरण करने तथा उचित निर्णय लेना सिखाता है।

Neural Networks (Making Associations):

यह मनुष्य के neural कोशिकाओं के सिद्धांत के आधार पर काम करता है। Computer में neural network असल में मनुष्य के दिमाग की कोशिकाओं की ही छवि के समान होती है। इसे अलग अलग प्रकार की training के द्वारा सिखाया जाता है। जिससे वह इंसानो के दिमाग के जैसे ही सोच सके।

Cognitive Computing (Making inferences from context):

यह AI का एक अभिन्न भाग है। इसका उपयोग मशीनों को मनुष्य की नक़ल करने तथा उसे और सुधारने में किया जाता है। इसकी सहायता से मनुष्य की विचार शक्ति का प्रतिरूपण computer में किया जाता है, जिसमे मनुष्य की भाषा समझने तथा चित्रों की पहचान करना शामिल हैं।

Natural Language Processing (Understanding the language):

यह मशीन द्वारा भाषा पढ़ने, सुनने और उसे समझने का विज्ञान है। User द्वारा दिए गए निर्देश को समझने के बाद मशीन उसके अनुरूप जवाब देती है। इसकी सहायता से हम मशीन के साथ आसानी बात कर सकते है।

Computer Vision (Understanding Images):

यह तकनीक deep learning और pattern को समझने का उपयोग कर चित्र पहचान सकती है। जिसमे ग्राफ, टेबल्स, PDF document के चित्र के साथ साथ शब्दों और video का भी समावेश होता है। यह AI का एक महत्वपूर्ण भाग है जिससे computer डाटा को समझकर उसका अनुवाद कर सकता है।

Artificial Intelligence के प्रकार (Types of AI)

AI को मुख्य तीन प्रकारों में बाँटा जा सकता है।

Artificial Narrow Intelligence (ANI):

इसे Weak AI भी कहते हैं। इस प्रकार के AI को सिर्फ एक काम को ध्यान में रखकर बनाया जाता है। इसकी छमता बहुत सिमित होती है। Google Assistant, Google Translate, Siri, Cortana, or Alexa इसके उदहारण हैं। इसमें Natural Language Processing का उपयोग होता है।

इसका उपयोग करके Chatbots बनाये जाते हैं। जो दिए गए input को समझ कर मनुष्य के साथ बातचीत कर सकते सहीं।

Artificial General Intelligence (AGI):

इसे Strong AI भी कहा जाता है। इसके पास इंसानी दिमाग की तरह सोचने, समझने, सिखने और काम करने की छमता होती है। इसके उपयोग से AI Systems को भी मनुष्य की तरह सक्षम बनाया जा सकता है। हालाँकि ऐसा AI System अभी development स्टेज में है। लेकिन जब यह बन जायेगा तो मुश्किल कामों को भी आसानी से कर सकेगा।

Artificial Super Intelligence (ASI):

इस प्रकार के AI System का निर्माण, AI के विकास की चरमसीमा होगी। इस प्रकार का system मनुष्य की छमताओं से कई गुना शक्तिशाली होगा। इस प्रकार का AI System, कला, निर्णय लेने तथा emotional relationship में पारंगत होगा। हालाँकि ऐसे System के निर्माण में अभी बहुत से अनिश्चितताएं मनुष्य के सामने कड़ी हैं।

इसके अतिरिक्त इसे और चार भागों में बाँटा जा सकता है।

REACTIVE MACHINES:

यह AI का सबसे सामान्य प्रकार है। इसकी अपनी कोई memory नहीं होती। और ये वर्तमान में निर्णय लेने के लिए अपने पुराने अनुभवों का उपयोग नहीं करता। IBM का सतरंज खेलने वाला computer, Deep Blue इसका एक प्रमुख उदाहरण है। इसने 1990 में उस समय के सतरंज के चैंपियन Garry Kasparov को हराया था। Deep Blue सतरंज के मोहरों को पहचान सकता था तथा उन्हें कैसे चलना है वह भी जानता था।

फलस्वरूप अपने सामने वाले खिलाडी की चाल का आंकलन करता तथा उसके हिसाब से कौन सी चल सबसे अच्छी होगी उसे चलता था। Google का AlphaGo भी इसी प्रकार के AI का एक उदहारण है।

LIMITED MEMORY:

इस प्रकार के AI Systems, अपने पुराने अनुभवों से सीख कर अपने भविष्य के निर्णयों को सुधारने की छमता रखता है। Self-Driving Cars इस प्रकार का एक उदाहरण है। वह दूसरी Cars की दिशा तथा गति का निरीछण करता है। ऐसा सिर्फ एक बार में नहीं किया जा सकता, इसके लिए एक ही प्रकार की चीज का बार बार निरीछण जरुरी है। इस प्रकार की स्वचालित गाड़ियों से, होने वाली दुर्घटनाओं को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।

THEORY OF MIND:

यह concept अभी के समय तथा भविष्य में कैसी मशीनें बनाएंगे उसके बिच की रेखा है। Theory Of Mind एक psychology term है। इसके तहत ये बताते हैं कि संसार में लोगों की अपनी सोच और भावनाएं होती हैं जो उसके बर्ताव पर प्रभाव डालती हैं। इस प्रकार AI System अभी मवजूद नहीं हैं। अगर भविष्य में कभी ऐसा AI System बनता है तो वे हमारे विचार, भावनाएं तथा उम्मीदों को समझने के काबिल होना चाहिए। जिससे उन्हें हमसे कैसे बर्ताव करना है उसकी समझ हो सकेगी।

SELF-AWARENESS:

AI के विकास के अंतिम चरण में, ऐसे systems का निर्माण होगा जिनकी अपनी self-awareness होगी। ऐसी systems खुद को represent करने में सक्षम होंगी। आसान भाषा में मशीनें भी एक तरह से इंसान की तरह ही बर्ताव कर सकेंगी बल्कि वे मनुष्य से ज्यादा बुद्धिमान होंगी। इस तरह की AI System अभी विश्व में उपलब्ध नहीं है। यह एक hypothetical concept है।

Artificial Intelligence का उपयोग (Applications of AI)

Applications of Artificial Intelligence
AI in Marketing:

किसी भी business में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए marketing बहुत जरुरी है। AI के विकास के पहले, अगर हमे internet पर कुछ खोजना होता था तो वो हमारे लिए एक कठिन काम था। लेकिन आज हम internet पर कुछ खोजते हैं तो उससे सम्बंधित सभी चीजे हमारे सामने आ जाती हैं। अगर हमने कुछ गलत भी लिखा है तो Google उसे सही कर लेता है और हमें जरुरी परिणाम दे देता है।

AI in Banking:

Banking के क्षेत्र में AI का इस्तेमाल बहुत प्रचलित है। बहुत सी banks पहले से ही AI-based तकनीक का इस्तेमाल ग्राहकों को support देने, credit card में होने वाली धोखे बजी को पता लगाने के लिए कर रही हैं। HDFC bank AI-based EVA (Electronic Virtual Assitant) नाम के chatbot का उपयोग करती है।

AI in Finance:

Finance के क्षेत्र में इसका उपयोग काफी बढ़ गया है। Trading का मुख्य आधार इस पर आधारित है की हम stock के भविष्य को कितनी सटिकता से आंक सकते हैं। AI-based मशीन पुराने pattern का निरीछण कर इस बात का अनुमान आसानी से लगा सकती हैं कि यह भविष्य में कैसे बर्ताव करेगा। इसका उपयोग बहुत सारी financial agency सटीक अनुमान लगाकर अपना मुनाफा बढ़ाने में करती हैं।

AI in Agriculture:

एक अनुमान के अनुसार 2050 तक हमें आज के मुकाबले 50 गुना ज्यादा खाने की चीजों की जरुरत पड़ेगी। और यह तभी संभव होगा जब हम अपने resources का इस्तेमाल ढंग से करें। AI इसमें मददगार साबित हो रहा है। वातावरण में परिवर्तन, जनसँख्या वृद्धि ने industries को और भी रचनात्मक तरीके से फसलों के उत्पादन पर सोचने के लिए विवश कर दिया है।

AI in Health Care:

आज के समय में बहुत सारे organization और स्वास्थ्य सम्बन्धी केंद्र AI पर आधारित है। Cambio Health Care ने एक रोग विषयक system बनाया है जो ह्रदय आघात होने से पहले आपके physician को चेतावनी दे देता है जिससे मरीज की जान बचाई जा सकती है। Coala Life भी इसी का एक उदाहरण है। Health Care में AI के उपयोग से ना ही बिमारियों से बचा जा सकता है बल्कि मरीज पर ध्यान रखकर बीमारी को जल्द से ठीक भी किआ जा सकता है।

AI in Gaming:

पिछले कुछ वर्षों में AI, Gaming Industry का एक महत्वपूर्ण भाग बन चूका है। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि AI की सबसे अधिक उपलब्धि Gaming Industry में ही हुई है। DeepMind’s AI-based AlphaGo software, जिसने Lee Sedol को GO game में हराया था। यह AI की gaming में सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।

इसके अलावा भी AI बहुत से क्षेत्रों में मनुष्य जाती के लिए मदद रूप साबित हुआ है।

जैसे AI in Space Exploration, AI in Education, AI in Social Media, AI in Business इत्यादि।

Artificial Intelligence का भविष्य (Future of AI)

हम दिन पर दिन अपने कामों के लिए मशीनों पर आधारित होते जा रहे है। हम अपने कामों को मशीनों से कराने के लिए AI System को और भी शक्तिशाली बनाने में लगे हुए हैं। हमारे इस प्रयास में कि मशीनें भी हमारी तरह सोच सकें, समझ सकें तथा भावुक बन सकें, हम उन्हें और भी ताकतवर बनाते जा रहें है।

फलस्वरूप मशीनें परिस्थिति के आधार पर वव्यवहार करने में सक्षम बन जाएंगी। जो मनुष्य के लिए चुनौती स्वरूप भी हो सकता है। हमारे आदेश का पालन करने वाली मशीनें भविष्य में हमें अपना गुलाम भी बना सकती हैं। Robot, Robot 2.0 जैसी Movies में की गई कल्पनाएं सत्य भी हो सकती हैं जो मनुष्य जाती के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

वैसे अगर इसका उपयोग एक मर्यादित सीमा में किआ जाए तो यह तकनीक मानव सभ्यता के लिए वरदान स्वरूप है।

मैंने इस article में कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है को हिंदी (What is Artificial Intelligence in Hindi?) में समझाने की पूरी कोशिश की है। मुझे आशा है कि यह article आपके ज्ञान को बढ़ाने में मदद रूप बनेगा।

पढ़ते रहिये, ज्ञान के नए द्वार खोलते रहिये।

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